तमिलनाडु के कुड्डालोर में स्कूल वैन और ट्रेन की टक्कर: 3 बच्चों की मौत, कई घायल

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8 जुलाई 2025

8 जुलाई 2025 की सुबह तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के सेम्मनकुप्पम में एक दुखद हादसा हुआ, जब एक स्कूल वैन को विल्लुपुरम-मयिलदुथुराई पैसेंजर ट्रेन (नंबर 56813) ने टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन स्कूली बच्चों की मौत हो गई, और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना रेलवे लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 170 पर हुई, जो एक गैर-इंटरलॉक्ड मैनड गेट है। प्रारंभिक जाँच में गेटकीपर की लापरवाही को हादसे का कारण माना जा रहा है, क्योंकि ट्रेन के आने पर रेलवे गेट बंद नहीं था। इस ब्लॉग में, हम इस हादसे के विवरण, प्रभाव, और चल रही जाँच पर प्रकाश डालेंगे, साथ ही विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर जानकारी प्रदान करेंगे।

हादसे का विवरण

हादसा सुबह लगभग 7:45 बजे हुआ, जब एक निजी सीबीएसई स्कूल की वैन, जिसमें पाँच छात्र और एक ड्राइवर सवार थे, कुड्डालोर और अलप्पक्कम के बीच रेलवे लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 170 को पार करने की कोशिश कर रही थी। वैन को विल्लुपुरम-मयिलदुथुराई पैसेंजर ट्रेन ने टक्कर मार दी। इस टक्कर में तीन छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें 11वीं कक्षा की छात्रा चारुमति और छठी कक्षा के छात्र निमलेश शामिल थे। दो अन्य छात्र, वैन ड्राइवर, और एक केयरटेकर गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें कुड्डालोर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ स्रोतों के अनुसार, छह छात्र घायल हुए, और मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई गई है।

घायलों की स्थिति और राहत कार्य

घायल छात्रों, ड्राइवर, और केयरटेकर को तुरंत कुड्डालोर सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ उनकी स्थिति की निगरानी की जा रही है। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि कुछ घायलों की हालत गंभीर है, जिसके कारण मृत्यु दर बढ़ने की आशंका है। रेलवे ने तुरंत एक राहत ट्रेन और मेडिकल रिलीफ वैन को घटनास्थल पर भेजा। डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) और अन्य रेलवे अधिकारी भी मौके पर पहुँचे। स्थानीय लोगों और राहगीरों ने घायलों को बचाने में मदद की और पुलिस को सूचित किया।

प्रारंभिक जाँच और लापरवाही के आरोप

प्रारंभिक जाँच में पता चला कि रेलवे गेट नंबर 170, जो एक गैर-इंटरलॉक्ड मैनड गेट है, ट्रेन के आने के समय बंद नहीं था। पुलिस और स्थानीय लोगों ने गेटकीपर की लापरवाही को हादसे का मुख्य कारण बताया। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि गेटकीपर उस समय सो रहा था, जिसके कारण गुस्साए अभिभावकों ने गेटकीपर पर हमला किया। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) और जिला प्रशासन ने हादसे की जाँच शुरू कर दी है, जिसमें गेटकीपर की भूमिका और रेलवे सुरक्षा प्रोटोकॉल की जाँच की जा रही है। कुड्डालोर के पुलिस अधीक्षक एसपी जयकुमार ने पुष्टि की कि दो छात्रों की मौत हुई और दो छात्रों सहित ड्राइवर घायल हैं।

सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

इस हादसे ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, खासकर गैर-इंटरलॉक्ड गेट्स की स्थिति पर। यह हादसा रेलवे संचालन में सुरक्षा खामियों को उजागर करता है, क्योंकि पिछले पाँच वर्षों में 200 बड़े रेल हादसे हुए हैं, जिनमें 351 लोगों की जान गई है। तमिलनाडु सरकार और रेलवे अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों को सहायता और मुआवजे का आश्वासन दिया है। हालांकि, मृत्यु दर और घायलों की सटीक संख्या पर अभी भी कुछ स्रोतों में भिन्नता है, और अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।

कुड्डालोर में हाल की दुर्घटनाएँ

कुड्डालोर जिले में हाल के महीनों में सड़क और रेल दुर्घटनाओं की कई घटनाएँ हुई हैं। मई 2025 में, चित्तूर-कुड्डालोर राजमार्ग पर एक तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (TNSTC) बस ने एक दुर्घटना में एक कक्षा 10 के छात्र की जान ले ली थी। जुलाई की शुरुआत में, थरंगमबाड़ी के पास एक स्कूल वैन ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी थी। ये घटनाएँ क्षेत्र में परिवहन सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं।

निष्कर्ष

कुड्डालोर के सेम्मनकुप्पम में 8 जुलाई 2025 का स्कूल वैन-ट्रेन हादसा एक दुखद घटना है, जिसने तीन मासूम बच्चों की जान ले ली और कई अन्य को घायल कर दिया। यह हादसा रेलवे लेवल क्रॉसिंग पर सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करता है। गेटकीपर की कथित लापरवाही और गैर-इंटरलॉक्ड गेट की स्थिति ने इस त्रासदी को और गंभीर बना दिया। रेलवे और राज्य पुलिस की जाँच से हादसे के कारणों और जिम्मेदारियों का खुलासा होने की उम्मीद है। इस बीच, यह घटना भारत में रेलवे और सड़क सुरक्षा को बेहतर करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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